Tuesday 21 February 2012

टीईटी घोटाले पर सरकार दे जवाब : हाईकोर्ट

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : टीईटी घोटाले में आरोपी बनी प्रभा त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक के लिए दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 24 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी की गिरफ्तारी से रोक के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीपी सिंह व जस्टिस वीपी पाठक की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि टीईटी घोटाले में अभी तक जो जांच की प्रगति है, इसके बारे में राज्य सरकार बताए। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 24 फरवरी कोर्ट मुकर्रर की हैं। उल्लेखनीय हैं कि रमाबाई नगर की पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को शिक्षक पात्रता परीक्षा में घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद रमाबाई नगर के एसपी द्वारा डीजीपी अतुल कुमार को मामले से अवगत कराया गया था। संदेह के आधार पर पुलिस ने पूछताछ के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी को भी आरोपी बनाकर पूछताछ के लिए बुलाया था। इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक से बचने के लिए सचिव ने हाईकोर्ट की शरण ली।

कुछ आरोपों के कारण पूरी परीक्षा रद करना ठीक नहीं


नई दिल्ली, जासं : यह ठीक है कि एम्स पीजी प्रवेश परीक्षा में कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं, लेकिन इतने भर से देश भर में आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा को रद करना ठीक नहीं है। अगर गड़बड़ी हुई है तो उसकी ठीक प्रकार से जांच होनी चाहिए। यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति हिमा कोहली की कोर्ट ने एम्स प्रवेश परीक्षा को रद करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
आठ जनवरी को देश भर के 156 केंद्रों पर एम्स पीजी प्रवेश परीक्षा संपन्न हुई थी, जिसमें नोएडा सहित कुछ जगहों पर पर्चा लीक होने की बात सामने आई थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है और आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी मामले को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने प्रवेश परीक्षा को रद करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भी जांच में कहीं नहीं पाया है कि एम्स पीजी की पूरी प्रवेश परीक्षा को ही रद कर देना चाहिए। देश भर में 69069 छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी थी।

गिरफ्तारी पररोक के लिए सचिव द्वारा दाखिल याचिकापर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले में संदेह के घेरे में आई यूपी बोर्ड की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। गिरफ्तारी पररोक के लिए सचिव द्वारा दाखिल याचिकापर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। टीईटी घोटाले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद सचिव की गिरफ्तारी के कयास लगाए जा रहे थे। यही कारण है कि सचिव प्रभा त्रिपाठी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीपी सिंह व जस्टिस वीपी पाठक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगाहै। कोर्ट ने कहा कि टीईटी घोटाले में अभी तक जो जांच की प्रगति है, इसके बारे में राज्य सरकार बताए। उल्लेखनीय हैं कि पुलिस ने प्रभा त्रिपाठी को पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस ने शनिवार को सचिव की तलाश में यूपी बोर्ड दफ्तर में भी आकर पूछताछ की थी।


शुरू से थीं संदेह के घेरे में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद से ही सचिव की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई थी। सूत्रों के मुताबिक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से ही माना जा रहा था कि सचिव कभी भी गिरफ्तार हो सकती हैं। यही कारण है कि सचिव आठ फरवरी के बाद से केवल एक बार ही बोर्ड दफ्तर आई, वो भी चंद मिनटों के लिए। उसके बाद उनका मोबाइलभी स्विच ऑफ जा रहा है। पुलिस उनकी तलाश में शनिवार को सार्वजनिक रूप सेपूछताछ करती हुई बोर्ड दफ्तर आ धमकी थी, पर वह नहीं मिली। सूत्रों के मुताबिक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रभा त्रिपाठी अरेस्ट स्टे के लिए प्रयास करने लगी थीं। फिलहाल उन्हें अभी सफलता नहीं मिली है।

टीईटी घोटाले में पुलिस के हाथ लगे पुख्ता सबूत


                                         फेल से पास किए गए चार अभ्यर्थी

कानपुर। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े घोटाले में पुलिस के हाथ अहम दस्तावेज लगे हैं। इनमें एक ऐसी सूची मिली है, जिसमें फेल से पास हुए चार अभ्यर्थियों का जिक्र है। इसकी पड़ताल की जा रही है। इससे माध्यमिक शिक्षा विभाग और टीईटी से जुड़े कई और लोगों पर जल्द ही गाज गिरना तय माना जा रहा है।

टीईटी में अभ्यर्थियों से चयन के नाम पर वसूली करने केमामले की छानबीन कर रही अकबपुर (रमाबाई नगर) कोतवाली पुलिस के हाथ 370 अभ्यर्थियों की एक सूची लगी है। थाना प्रभारी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि इस सूची के प्रारंभिक मिलान के दौरान चार ऐसे अभ्यर्थी चिह्नित हुए हैं, जो पहले फेल थे, बाद में पास हो गए। 23 को विधान चुनाव है व्यस्तता के कारण इस सूची के मिलान का काम रोक दिया गया है।

News : Amar Ujala (21.2.12)

टीजीटी लिखित परीक्षा में फेल, इंटरव्यू में पास - माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नतीजों में फर्जीवाड़ा

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नतीजों में फर्जीवाड़ा -
इलाहाबाद। टीईटी घोटाले की आंच अभी धीमी नहीं पड़ी और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चयन परिणाम में फर्जीवाड़ा सामने आ गया। तीन दिन पहले जारी टीजीटी सामाजिक विज्ञान के परिणाम में कई ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित घोषित कर दिया गया है जो लिखित परीक्षा में फेल हैं। फेल होने के बाद न सिर्फ उन्हें इंटरव्यू में शामिल दिखाया गया बल्कि सफल अभ्यर्थियों की सूची में उनके रोलनंबर, नाम अंकित हैं। लिखित परीक्षा में फेल होने के बाद इंटरव्यू में चयनित होने वालों में एक सदस्य का बेटा भी है। परिणाम जारी होने के बाद दूसरे दिन ही अभ्यर्थियों ने आपत्ति की लेकिन अधिकारियों ने उसे अनसुना कर दिया। परिणाम में गड़बड़ी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है।

चयन बोर्ड के नतीजों में गड़बड़ी करने वालों में कई बड़े अधिकारियों का नाम भी सामने आ रहा है। आरोप है कि दो सदस्यों पर दबाव बनाकर अधिकारियों ने परिणाम में गड़बड़ी कराई। गड़बड़ी केवल सामाजिक विज्ञान के नतीजों में ही नहीं है। कला और जीवविज्ञान विषयों के नतीजों में भी घालमेल है।

चयन बोर्ड की तरफ से पूर्व में जारी तीन और परिणामों को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें हो चुकी हैं, जिसकी जांच के बाद कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। दो नतीजों में भारी फर्जीवाड़े का मामला कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट के हस्तक्षेप पर पास हो चुके कई अभ्यर्थियों को फेल माना गया जबकि कई फेल अभ्यर्थी पास हो गए। इस बार जो गड़बड़ियां दिख रही हैं, उससे साफ है कि सामाजिक विज्ञान के परिणाम में सामान्य श्रेणी में छह और पिछड़ी जाति में चयनित कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं,
जिनके अनुक्रमांक आयोग की ओर से जारी लिखित परीक्षा केपरिणाम में शामिल नहीं हैं। मसलन चयन बोर्ड की ओर से सामान्य श्रेणी के परिणाम में क्रम संख्या 11, 30, 101, 118, 155, 176 के साथ पिछड़ी जाति में से क्रम संख्या 100 पर चयनित अभ्यर्थी का अनुक्रमांक चयन बोर्ड की ओर से जारी लिखित परीक्षा के परिणाम में नहीं है। साक्षात्कार में शामिल संजय, अनिल, मनीषा सहित कई अभ्यर्थियों का आरोप लगाया है कि यह फर्जीवाड़ा तो सामान्य जांच में सामने आ गया है। अन्य विषयाें के परिणाम की भी जांच होनी चाहिए। फर्जीवाड़े पर टिप्पणी के लिए चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनके मोबाइल ऑफ मिले।

News : Amar Ujala (21.2.12)

टीईटी संघर्ष समिति की बैठक 23 को

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष समिति की सोमवार को हुई बैठक में मेरिट के आधार पर ही प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हेतु क्रमिक आंदोलन चलाने की रणनीति बनाई गई। अध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि मंडल के सभी टीईटी संबंधित संगठनों की सामूहिक बैठक 23 फरवरी को पंत पार्क में सुबह 11 बजे होगी। 
Amar Ujala (21.2.12)